पुलिस की दक्षता बढ़ेगी : वरिष्ठ आरक्षकों को प्रशिक्षण के बाद विवेचना का अधिकार, कार्यशाला का हुआ आयोजन

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समदर्शी न्यूज़ सूरजपुर, 8 सितंबर/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे वरिष्ठ आरक्षकों जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, भारतीय न्याय संहिता 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लेखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 के अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं।

अधिसूचना के परिपालन में डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर एम.आर.आहिरे (भापुसे) के द्वारा जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अन्वेषण का दायित्व सौंपने से पूर्व सम्पूर्ण जिले के लिए चरणवार 100-100 के मान से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला दिनांक 04 सितम्बर 2024 से 09.09.2024 तक पुलिस लाईन के सामुदायिक भवन में जारी है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण कार्यों के संबंध में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी और विधिसम्मत तरीके से कर सकें। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण की प्रक्रिया और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया।

शनिवार, 7 सिम्बर 2024 को कार्यशाला का जायजा लेने डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे प्रशिक्षण केन्द्र पहुंच और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों को कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार प्रदाय करने से पूर्व उनको दक्ष करना है। यह पहल ना केवल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी बल्कि न्याय प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावकारी बनाएगी तथा लंबित मामलों को भी कम करेगी। इस प्रशिक्षण से आरक्षकों में व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित होगी। आगे उन्होंने कहा कि विवेचना की शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है, यह शक्ति मिलने पर आप सबकी जवाबदारी भी बड़ी हो जाती है। विवेचना के बिंदुओं को समझना आप सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। विवेचना के हर कालम का अपना एक अलग महत्व है। नए कानून में गवाहों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण की बातों को सीखने, उनका अनुपालन करने तथा ईमानदारी एवं तत्परता पूर्वक कार्य करते हुए वर्तमान समय के अनुसार खुद को अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस की यह पहल कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पुलिस के आठ अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण कार्यशाला में एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर ने वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध शामिल हैं, डीएसपी रितेश चौधरी ने अध्याय 14, जिसमें मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है पर विस्तृत जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया। इन मामलों में संवेदनशीलता और प्रभावी अन्वेषण की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर एस.एस.पैंकरा ने अध्याय 13, जिसमें लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के विषय में अपराधों का उल्लेख कर प्रशिक्षित किया। एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी ने अध्याय 6 मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों, साईबर सेल प्रभारी नीलाम्बर मिश्रा ने अध्याय 11 लोक प्रशांति के विरूद्ध अपराधों, थाना प्रभारी झिलमिली नसीमुद्दीन खान ने अध्याय 12, जिसमें लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध शामिल हैं, यातायात प्रभारी फर्दीनंद कुजूर ने अध्याय 15, जिसमें लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों तथा रीडर मनोज सिंह ने अध्याय 17, जिसमें संपत्ति के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है करते हुए बारीकी से प्रशिक्षण प्रदान किया।

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