“समकालीन समय में नैतिक मूल्य : स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं पर पुनर्चिन्तन” : हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद स्मृति व्याख्यान के द्वितीय संस्करण का किया गया आयोजन

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU) ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर 12 जनवरी, 2023 को संध्या 5:30 बजे स्वामी विवेकानंद मेमोरियल लेक्चर 2023 के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। स्वामी आत्मप्रियानंद, प्रोचांसलर, रामकृष्ण मिशन, शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे और उन्होंनेसमकालीन समय में नैतिक मूल्य: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं पर पुनर्चिन्तनविषय पर अपना वक्तव्य रखा कार्यक्रम के उद्घाटन उद्बोधन प्रो. डॉ. वी.सी. विवेकानंदन, कुलपति, एचएनएलयू और समापन उद्बोधन प्रोफेसर डॉ. उदय शंकर, रजिस्ट्रार, एचएनएलयू द्वारा दिया गया।

प्रो. विवेकानंदन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा किस्वामी विवेकानंद ने एक नई नैतिक विचार प्रक्रिया की शुरुआत की, जहां गुणों की खेती की जाती है, क्योंकि वे नियत मौसम में मीठे फल देने वाली जड़ें पैदा करेंगे। कानूनी से अधिक यह नैतिक भागफल है जो समकालीन समय में महत्वपूर्ण है।

स्वामी डॉ. आत्मप्रियानंद ने स्वामी विवेकानंद द्वारा परिकल्पित धर्म की धारणा से अपनी चर्चा शुरू की और प्रत्येक व्यक्ति की अपने आप में एक अनंत आत्मा होने की शक्ति पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने व्यक्तियों को अपनी आंतरिक शक्ति को महसूस करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने बौद्धिक विचारों की शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जो अक्सर किसी के अभिव्यक्ति में प्रकट किया जाता है। इसलिए उनके अनुसार नैतिकता क्या करें और क्या करें का समुच्चय नहीं है, बल्कि अपने विचारों और वाणी के बीच संतुलन है। इसलिए, उन्होंने कहा किवैदांतिक आत्मा हममें से प्रत्येक के  ह्रदय में और किसी के अस्तित्व में हैऔर इसलिए हमें सभी प्राणियों को भगवान की अभिव्यक्ति के रूप में पूजा करनी चाहिए।

समापन टिप्पणी प्रो. डॉ. उदय शंकर, रजिस्ट्रार, एचएनएलयू द्वारा दी गई।

इस वेबिनार का आयोजन वार्षिक स्मृति व्याख्यान श्रृंखला के एक भाग के रूप में किया गया था जिसकी स्थापना 2022 में की गयी थी।  स्वामी विवेकानंद उद्घाटन स्मृति व्याख्यान छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिया गया था, जिन्होंने एचएनएलयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का आभासी अनावरण किया था तथा  ‘राष्ट्रीय निर्माण के आधार के रूप में विधि का शासनविषय पर उद्घाटन उद्बोधन दिया।

कार्यक्रम का संचालन प्रतीक मुंजाल, छात्र संयोजक, साहित्यिक और वादविवाद समिति और सुश्री गरिमा अग्रवाल, सहसंयोजक ने किया। कार्यक्रम में एचएनएलयू और आईटीएम विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, छात्रों और कर्मचारियों सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!