समय-सीमा की बैठक : जशपुर कलेक्टर ने सीएससी मैनेजर को गांव में शिविर लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने के दिए निर्देश

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जिला अस्पताल में प्रतिदिन अलग-अलग रंगों के चादर बदलने के लिए कहा

शिविर के माध्यम से 936 लोगों का दिव्यांग प्रमाण-पत्र बना

श्रम विभाग के माध्यम से 742 गर्भवती माताओं को हुआ पंजीयन

निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारी आंगनबाड़ी के ग्रोथ चार्ट का अवलोकन करें

मध्यम कुपोषित पीला रंग, गंभीर कुपोषित लाल रंग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक लेकर टीएल के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी टीएल का आवेदनों को गंभीरता से निराकरण कर रहें हैं। इस सप्ताह 234 आवेदनों को निराकरण किया गया है।

कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में शिविर लगाने के निर्देश सीसीएसी मैनेजर श्री विश्वजीत पण्डा और विवेक सिंह को निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायतों में मुनादी कराकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन सचिवों की सहायता लेकर लोगों को शिविर तक लाने और उनका प्राथमिकता से कार्ड बनाने के लिए कहा है। उन्होंने सी.एस.सी. मैनेजर को कड़ी हिदायत देते हुए कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की बात कही है। विद्युत अधिकारी को बिजली शिविर नियमित लगाने के लिए कहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रत्येक सप्ताह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल में अलग-अलग रंगों के चादरों को बदलने के निर्देश दिए हैं और फोटो भी शेयर करने के लिए कहा है। बैठक में समाज कल्याण के अधिकारी ने बताया कि शिविर के माध्यम से अब तक 936 लोगों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बना दिया गया है और नियमित शिविर लगाया जा रहा है। श्रम अधिकारी ने बताया कि 742 गर्भवती माताओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें भगिनी प्रसुति सहायता योजना का लाभ दिया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव, अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

कलेक्टर ने सभी एसडीएम और जिला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी, स्कूल, आश्रम, छात्रावास, स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधाओं की जानकारी लेते रहें। आंगनबाड़ी केन्द्र में निरीक्षण के दौरान बच्चों का ग्रोथ चार्ट का अवलोकन अनिवार्य रूप से करें और उसमें कुपोषित बच्चों की स्थिति की भी जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान समय पर आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने और बंद होने की जानकारी, बच्चों की उपस्थिति, बच्चों को ग्रोथ चार्ट अपेडट और बच्चों प्रारंभिक शिक्षा दी जा रही है या नहीं इसकी भी जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जन्म के समय बच्चों का वजन 250 किलो.ग्राम होना अनिवार्य है। ग्रोथ चार्ट में अलग-अलग रंगों से चिन्हांकित किया गया है। इनमें मध्यम कुपोषित बच्चों को पीले रंग, गंभीर कुपोषित बच्चों को लाल रंग और कुपोषण से मुक्त बच्चों को हरा रंग में दर्शाया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि गंभीर कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उनके पालकों को भी पौष्टिक आहार, खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहे।

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