कुनकुरी में रामनवमीं की पूर्व संध्या नगर के मुख्य चौक व बस स्टैण्ड में किया गया अखाड़ा शौर्य प्रदर्शन, महिलाओं ने भी किया शक्ति का प्रदर्शन

कुनकुरी में रामनवमीं की पूर्व संध्या नगर के मुख्य चौक व बस स्टैण्ड में किया गया अखाड़ा शौर्य प्रदर्शन, महिलाओं ने भी किया शक्ति का प्रदर्शन

April 16, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, कुनकुरी : देश भर में 17 मार्च को रामनवमी मनाई जा रही है। जिसकी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं. कुनकुरी नगर में भी रामनवमी से पहले आयोजन समिति के लोग तैयारी को अंतिम रूप दे रहे हैं। रामनवमीं आयोजन समिति ने शोभायात्रा एवं अखाड़ा प्रदर्शन हेतु तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली है।

अखाड़ा शौर्य प्रदर्शन

आयोजन से एक दिन पूर्व देर शाम नगर के प्रमुख चौक व बस स्टैण्ड में अखाड़ा प्रदर्शन भी किया गया। नगर सीमा स्थित हनुमान टेकड़ी से दल अखड़ा प्रदर्शन करता हुआ बस स्टैण्ड पहूंचा जहां दो चौक पर अखाड़ा प्रदर्शन करते हुए बस स्टैण्ड हनुमान मंदिर में मुख्य प्रदर्शन किया गया। जिसके उपरांत दल मुख्य आयोजन स्थल शिव मंदिर परिसर पहूंचकर प्रदर्शन के कार्यक्रम का समापन किया।

कुनकुरी नगर में रामनवमी के अवसर पर श्री रामनवमी आयोजन समिति के द्वारा आयोजित होने वाली शोभायात्रा में इस बार कुछ अलग अंदाज में देखने को मिलेगा. नवमी की शाम शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित दर्जनों समितियों के द्वारा महावीरी झंडा के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है, जो क्षेत्र का भ्रमण करते हुए शिव मंदिर परिसर पहुंचती है. शोभायात्रा में समितियों के द्वारा कई प्रकार के पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन भी किया जाता है.

रामनवमीं आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कुनकुरी नगर की रामनवमी बहुत भव्य होती है. अखाड़ों में तलवारबाजी, लाठी व अन्य शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अखाड़ों में शस्त्र चलाने का अभ्यास किया जा रहा है. इस वर्ष महिलाओं ने भी शस्त्र चलाने का अभ्यास किया है। शोभायात्रा के अखाड़ा प्रदर्शन में इस वर्ष महिलाएं भी अपने कला का प्रदर्शन करेंगी।

रामनवमी के दौरान निकाले जाने वाले जुलूस में शस्त्रों का प्रदर्शन होता है. लोग अपने पूजा घरों में रखे पारंपरिक शस्त्रों को लेकर जुलूस में निकलते हैं. तलवारबाजी और लाठीबाजी की कला दिखाकर लोगों का मनोरंजन किया जाता है. तलवारबाजी कार्यक्रम और शस्त्रों का प्रदर्शन इसलिए किया जाता है ताकि लोगों के बीच यह संदेश जा सके कि तलवारबाजी की कला से आम आदमी विषम स्थिति में अपनी सुरक्षा करने में सक्षम रहे. तलवारबाजी, लाठीबाजी समेत अन्य पारंपरिक खेलों का अभ्यास करने का यह प्रशिक्षण उनके जीवन में उन्हें आत्म बल और आत्म सुरक्षा प्रदान करेगा.