मुख्यमंत्री प्रवास में जशपुर जिले में इको टूरिज्म सौगात पर टिकी नजर, मुख्यमंत्री से संसदीय सचिव यू.डी. मिंज जैव विविधता रिसर्च सेंटर स्थापित करने की करेंगे माँग

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जशपुर को इको टूरिज्म के रूप में बढ़ते देखना मेरा सपना है, इको टुरिज्म इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देनें की किसी भी घोषणा का हम दिल खोल कर स्वागत है : यू डी. मिंज

जशपुर जिले को स्कॉटलैंड, कश्मीर और शिमला बनाने में संसदीय सचिव यू.डी. मिंज के प्रयासों को मिलेगी सफलता?

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर/कुनकुरी

जैसा कि संसदीय सचिव यू डी मिंज जशपुर जिसकी तुलना स्कॉटलैंड, कश्मीर और शिमला से करते हुए लगातार इको टुरिज्म, एडवेंचर टुरिज्म एग्रो टुरिज्म को बढ़ावा देने क़े लिये प्रयासरत रहे अनेको बार प्रदेश क़े यशस्वी मुख्यमंत्री से ग्रीन एवं पर्यटन जिला घोषित करने की माँग करते हुए मिल चुके हैँ. मुख्यमंत्री के जशपुर विधानसभा और कुनकुरी विधानसभा में भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में आना हो रहा है लेकिन क्या अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जशपुर जिले को ग्रीन जिला घोषित करते हुए इको टुरिज्म की घोषणा करेंगे ऐसी उम्मीद जशपुरवासियों को है.

संबंध में कुनकुरी के विधायक एवं संसदीय सचिव नें कहा कि मै शुरू से पर्यावरण को बचाने के साथ इस जिले के पर्यटन को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा हूँ इसके लिये लगातार प्रयास कर रहा हुँ, हमारे मुख्यमंत्री आदरणीय भूपेश बघेल जी तक तरह तरह से बात पहुँचाने का प्रयास किया हूँ जशपुर जिले की जैव विविधता के बारे में बता कर इस ग्रीन जिला घोषित करने की दिशा में काम किया हूँ

संसदीय सचिव मिंज नें कहा कि बार बार यहाँ की विशिष्ट जलवायु के बारे बात करता हूँ बताता हुँ.पुरे देश में यहाँ की जो जैव विविधता है वह और कहीं नहीं मिलती, पुरे मध्यभारत में तो इकलौता जिला है जो जैव विविधता से समृद्ध है.यहाँ तीन प्रकार की जलवायु मिलती है.जशपुर का तापमान 0 से 45 डिग्री तक का है दार्जलिंग और हिमालय के मौसम जैसा है. हम यहां चाय, कॉफ़ी, स्ट्राबेरी, नासपाती, संतरा, अंगूर, कटहल, पुटकेल, मिर्ची, आम, काजू, महुआ, जामुन, चिरौंजी, सरई की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं हम इको टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं इको इंडस्ट्रीज का हम दिल खोल कर स्वागत करते हैं

उन्होंने कहा कि जशपुर का मौसम हिमालय के तराई की तरह है यहाँ कैलाश गुफा में वनस्पतियां हिमालय की वनस्पतियों से कम नही है यहाँ बहने वाली अल्कानंद नदी का पानी गंगा नदी के पानी से किसी भी रूप में कम नही है यह वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है

जशपुर के जंगल में हाथी समेत कई महत्वपूर्ण जंगली जानवर जैसे कोटरी, जंगली सुकर, भालू, जंगली बिल्ली, खरगोश सहित अन्य वन्य जीवों का बसेरा है जहां पुरातात्विक  महत्वपूर्ण धरोहरें है जिनका संरक्षण के प्रयास होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम रोजगार के नए आयाम गढ़ने को तैयार हैं इको टूरिज्म रोजगार का एक बड़ा साधन बने इसके लिए हम पर्यटन सहित अन्य विभागों से लगातार वार्तालाप कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी भी मेरी मंशा से अवगत है इसकी घोषणा से जशपुर का युवा रोजगार से जुड़ सकेगा.

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