आपातकाल की बरसी के अवसर पर प्रबुद्ध जन सम्मेलन एवं मीसा बंदियों के सम्मान समारोह का किया गया आयोजन : कांग्रेस की प्रवृत्ति आज भी तानाशाही, नेहरू इंदिरा का अधिनायकवाद आज भी कायम, कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया – शिव प्रकाश

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के तत्वावधान में स्थानीय शहीद स्मारक भवन में आज आपातकाल की बरसी के अवसर पर प्रबुद्ध जन सम्मेलन एवं मीसा बंदियों के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश जी ने समारोह को संबोधित करते हुए आपातकाल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अधिनायकवाद की जो प्रवृत्ति नेहरू और इंदिरा गांधी के समय थी, वह आज भी इनके डीएनए में है। जिसका एक बड़ा उदाहरण है कि सोनिया गांधी ने बिना किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि जब हम कांग्रेस के इतिहास को पढ़ते हैं तो नेहरू जी के कालखंड से लेकर आज तक मानसिकता एक ही है। नरसिम्हा राव जी की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय में स्थान नहीं दिया गया। मोरारजी देसाई जो कांग्रेस के ही नेता थे, उनको पार्टी से कैसे निकाला गया, सीताराम केसरी को कैसे अपमानित किया गया, नीलम संजीव रेड्डी जो कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी थे, उन को हराकर वीवी गिरी को किस प्रकार से राष्ट्रपति बनाया गया और मीसा के तहत जो 1975 में गिरफ्तारियां हुई, वह कानून 71 में लाया गया था। इस देश में चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम 90 बार कांग्रेस ने किया। 50 बार केवल इंदिरा गांधी ने यह अलोकतांत्रिक कृत्य किया। जब आप इन सब घटनाक्रम को आपातकाल के साथ जोड़ेंगे तो पता चलेगा कि देश और  कांग्रेस पर परिवार का कब्जा करना इनका चरित्र रहा है। दल के भीतर भी जो इनके विपरीत होगा, वह नहीं चलेगा। यह इनके डीएनए में है।15 कार्य समितियों ने प्रस्ताव पारित करके सरदार पटेल का समर्थन किया था लेकिन नेहरू जी को संतुष्ट करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अस्वीकार कर नेहरू को देश पर थोपा गया। लोकतंत्र अगर आपातकाल के समय संकट में था तो कांग्रेस शासित राज्यो में  आज भी है।  इंदिरा जी का जो सिंडीकेट था उनके इतिहास को पढ़ना चाहिये। संजय गांधी किसी पद पर नहीं थे लेकिन उनके लिए रक्षा मंत्री  हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज की व्यवस्था करते थे। मुख्यमंत्री उनको लेने और छोड़ने जाते थे। यह प्रवृत्ति है या कांग्रेस का डीएनए जो आपातकाल में प्रकट हुआ। आपातकाल में स्वदेशी और विदेशी दोनों तरह के प्रेस प्रभावित हुए। जो राष्ट्रवादी पत्रकार थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला अगर किसी ने किया है तो वह इंदिरा गांधी ने किया है। लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला कांग्रेस पार्टी ने किया है। 25 जून 1975 के दिन स्वतंत्र भारत का सबसे काला दिन था। जब सत्ता की खातिर लोकतंत्र को पूरी तरह से बेड़ियों में जकड़ दिया गया था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन्होंने तकलीफ सही है उन्हें मैं सादर प्रणाम करता हूं। लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र के सेनानियों ने तकलीफ सही और आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में दुनिया के सामने भारत खड़ा है। 21वीं सदी भारत की सदी है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकाल के काले अध्याय के बारे में चर्चा चल रही है तो देश को किस प्रकार के कष्ट बीसवीं सदी में झेलने पड़े, यह सभी जानते हैं। भारत दो बार आजादी की लड़ाई का गवाह बना। पहली लड़ाई उन्नीसवीं सदी में फिरंगियों से लड़ी गई। देश 1947 में आजाद हुआ। दूसरी लड़ाई जो हम पर थोपी गई। दूसरी आजादी कांग्रेस से लड़कर हमने हासिल की है। पहली आजादी में देश के टुकड़े हो गए।दूसरी आजादी की लड़ाई के पीछे कारण आपातकाल था। आपातकाल लगाने के पीछे क्या कारण था? न्यायालय ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला दिया था जिस पर उन्होंने देश पर आपातकाल थोपा। जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति हुई। अटल जी आडवाणी जी और गैर कांग्रेसी दलों के लोगों ने संघर्ष किया। फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल लगा दिया था। सारे नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे। देश को जेल में तब्दील कर दिया गया था। पार्टी कार्यालय को सील कर दिया गया था।

वरिष्ठ भाजपा नेता तथा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीसा बंदियों का सम्मान करते हुए कहा कि आज हम आप का सम्मान नहीं कर रहे बल्कि हम स्वयं सम्मानित हैं कि आपने जो संघर्ष किया, उसकी वजह से आज लोकतंत्र बचा हुआ है। आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलेगी।हम सब देश की आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं । जब हम नारे लगाते थे कि जहां बलिदान हुए मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, हम कहते थे राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, वह आज  साकार हुआ है। आज 1 सप्ताह में हम चारों धाम की यात्रा करके आ जाते हैं। यह अवसर किसी ने दिया है तो वह राष्ट्रभक्त प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिया है। आप सभी की त्याग तपस्या और अनेकों लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान से आज हम आपातकाल की बरसी मना रहे हैं। आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

कार्यक्रम के दौरान मीसा बंदियों के संरक्षक श्री श्री गोपाल व्यास एवं अन्य सभी मीसा बंदियों का सम्मान भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश ने किया। समारोह का संचालन पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी,संजय श्रीवास्तव ने किया  तथा आभार सांसद सुनील सोनी ने किया।

इस अवसर पर मीसाबंदियों के संरक्षक श्री श्री गोपाल व्यास जी, भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिव प्रकाश ,प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव,पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह,वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल,शिवरतन शर्मा ,सांसद सुनील सोनी,प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा,प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन पूर्व मंत्री राजेश मूणत ,पूर्व मंत्री प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप,रायपुर संभाग प्रभारी सौरभ सिंह,जिलाध्यक्ष जयंती पटेल,रायपुर ग्रामीण अध्यक्ष टंकराम वर्मा,बलोदा बाजार अध्यक्ष,सनम जांगड़े,प्रदेश कार्यक्रम प्रभारी संजय श्रीवास्तव,जिला कार्यक्रम प्रभारी श्रीचंद सुंदरानी ,रायपुर लोकसभा के सह प्रभारी ओंकार बैस,रमेश ठाकुर अमरजीत छाबड़ा माजूद रहे।

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