डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के अस्थि रोग विभाग में सिकल सेल पीड़ित मरीज के दोनों कूल्हे की हड्डी का सफल प्रत्यारोपण, सफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद मरीज अब पहले की तरह चल-फिर रहा है
March 19, 2024डॉक्टर (प्रो.) राजेन्द्र अहिरे के नेतृत्व में डॉ. अतिन कुंडू, डॉ. सौरभ जिंदल एवं टीम ने मिलकर किया सफल ऑपरेशन
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग के डॉक्टरों ने सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित 37 वर्षीय मरीज के दोनों कूल्हे की हड्डी का सफल प्रत्यारोपण किया है। मेडिकल भाषा में इस ऑपरेशन को टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कहते हैं। अस्थि रोग विभाग के डॉक्टर (प्रो.) राजेन्द्र अहिरे के नेतृत्व में हुए इस सफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में सिकल सेल एनीमिया के कारण जशपुर, कुनकुरी निवासी मरीज का कूल्हा घिस कर पूरी तरह खराब हो चुका था। कूल्हे की हड्डी के सफल प्रत्यारोपण के बाद मरीज अब पहले की तरह चल-फिर रहा है।
ऑपरेशन के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए डॉ. राजेन्द्र अहिरे बताते हैं कि मरीज बचपन से ही सिकल सेल एनीमिया का मरीज है जो कि एक जेनेटिक रोग है। इसमें शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स की संरचना पर प्रभाव पड़ता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन करती है। मरीज की इसी बीमारी के कारण उसके कमर की दोनों ओर की हड्डी घिस कर खराब हो गई थी। मरीज को चलने में तकलीफ 2014 से हुई तो उसने अम्बिकापुर के निजी अस्पताल में दिखाया जहां उसे रायपुर जाने के लिए कहा गया। मरीज की तकलीफ धीरे-धीरे बहुत ज्यादा बढ़ गई और इतना बढ़ गई कि मरीज चलने-फिरने में असमर्थ हो गया। फिर मरीज अम्बेडकर अस्पताल में हमारे ओपीडी में पहुंचा, जहां उसे भर्ती करके उसके ख़ून, एम आर आई, एक्स रे एवं अन्य सभी प्रकार की जांच की गई। जांच रिपोर्ट देखने के बाद उसके कूल्हे की दोनों हड्डी बदलने की सलाह दी गई। इसके बाद मरीज 19 फरवरी 2024 को अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती हुआ और दोनों कूल्हे की हड्डी बदली गई जो कि सफल रहा। मरीज अब पूरी तरह से अपने दोनों पांच जमीन पर रख कर चल फिर रहा है और स्वस्थ है।
डॉ. राजेन्द्र अहिरे के अनुसार, इस ऑपरेशन को यदि निजी अस्पताल में करवाते तो वहां लाखों रुपये खर्च हो जाते लेकिन अम्बेडकर अस्पताल में यह ऑपरेशन आयुष्मान योजना की सहायता से निःशुल्क हुआ।
ऑपरेशन के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए मरीज का कहना है कि सिकल सेल बीमारी के कारण मैं काफी परेशान हो चुका था। कूल्हे के जोड़ों की हड्डी के घिस जाने के कारण मेरा चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। ऑपरेशन के बाद एक उम्मीद की किरण लौटी है कि अब मैं फिर से पहले की तरह चल सकता हूं।
यह जटिल ऑपरेशन अम्बेडकर अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. (प्रो). राजेन्द्र अहिरे, डॉ. अतिन कुंडू, डॉ. सौरभ जिंदल, पीजी डॉक्टर प्रीतम प्रजापति, डॉ. इंतज़ार, डॉ. श्याम धर और एनेस्थेसिया से डॉ. सोनाली साहू की टीम ने मिलकर किया।